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तेज़ाब की बारिश

Updated: Oct 11, 2018


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वो धीरे धीरे बरसता रहा ।। और धीरे धीरे ही सड़क पिघलने लगी। तेज़ाब में गलने लगी । पहले ऊपर की परत उतर गई। काला डामर जगह जगह से फ़टने लगा। जो सीमेंट-कंक्रीट की सड़कें थी,उनमें दरारें पड़ गयी। नीचे की परतों ने झांकना शुरू कर दिया। जिन सड़कों के बनाने के लिए हर किलोमीटर पर कई लाख वारे थे, वो मुफ़्त की बारिश में इंच दर इंच घटने लगी। पानी या तेज़ाब...बूझो तो जनाब।

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