top of page

कभी धूप तो कभी छांव

Updated: Aug 5, 2018


ree

हम चमकते रहे, वो बरसती रही। पानी जलता रहा, आग बुझती रही। आसमान की लड़ाई, ज़मी पे चलती रही। बादल झुलस गए, पर धूप तरसती रही।

Comments


bottom of page